किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
गुपचुप रहकर कहना सीखोदरिया सा तुम बहना सीखो
कुछ आवाज उठने दो मौन की.
मुँह बन्द। आँखें बोले। "खामोशी" और यही है बात चीत की कला। बढिया परिभाषा।
ha...ha...ha... !
भई यहां इतनी खामोशी क्यों है .
इस कला में तो अपुन को महारत हासिल है।
sir ke upar se nikal gaya..http://mydunali.blogspot.com/
बहुत बढ़िया परिभाषा। शत्रुघ्न सिन्हा जी सबको सिखाते रहते हैं - "ख़ामोश!"
गुपचुप रहकर कहना सीखो
जवाब देंहटाएंदरिया सा तुम बहना सीखो
कुछ आवाज उठने दो मौन की.
जवाब देंहटाएंमुँह बन्द। आँखें बोले। "खामोशी" और यही है बात चीत की कला। बढिया परिभाषा।
जवाब देंहटाएंha...ha...ha... !
जवाब देंहटाएंभई यहां इतनी खामोशी क्यों है .
जवाब देंहटाएंइस कला में तो अपुन को महारत हासिल है।
जवाब देंहटाएंsir ke upar se nikal gaya..
जवाब देंहटाएंhttp://mydunali.blogspot.com/
बहुत बढ़िया परिभाषा। शत्रुघ्न सिन्हा जी सबको सिखाते रहते हैं - "ख़ामोश!"
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