फाटक बाबू नए-नए डॉक्टर बने थे। क्लिनिक में प्रसव के लिए एक महिला आयी। डॉ फाटक बाबू ने आनन-फानन में ओपरेशन कर महिला का दिल निकाल उसके घर वालों के हवाले करते हुए कहा, "मुबारक हो...जी...!"
तभी महिला के परिजनों ने पूछा, "डॉक्टर साहब ! यह आपने क्या किया... ? यह तो दिल है... !??"
फाटक बाबू ने कहा, "हाँ ! ये नया मेथड है। आपने सुना नहीं, "दिल तो बच्चा है जी..... !"
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अगर पसंद आया तो दिल खोलकर ठहाका लगाइएगा।
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ये तो अच्छा है जी।
जवाब देंहटाएंहे भगवान ऐसे ऐसे भी डॉक्टर है..भगवान बचाओ.....
जवाब देंहटाएंहा हा!! धन्य भये ऐसे डॉक्टर की कथा सुन!!
जवाब देंहटाएंएक विनम्र अपील:
कृपया किसी के प्रति कोई गलत धारणा न बनायें.
शायद लेखक की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास इस वजह से उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’
are wahhhhhhhhhhhhh
जवाब देंहटाएंहमारे यहाँ ऐसे डाक्टरों की कमी नहीं है.
जवाब देंहटाएंसोचनीय बात तो यह है कि अगली बार जब यही महिला फिर डाक्टर के पास प्रसव के लिये जायेगी तो क्या होगा दिल तो पहले ही निकल चुका है ...
बहुत सुन्दर
बहुत रोचक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
hha..ha...ha... !!!
जवाब देंहटाएंख़ूब!
जवाब देंहटाएंJai ho Doctor Saahab ji ki ... kya baat hai ..
जवाब देंहटाएंफ़िल्मी गाने का इल्मी असर!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चुटकुला!
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