फिल्म- देशप्रेमी गीत-महाकवि आनन्द बख्शी संगीत- लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल नफरत की लाठी तोड़ो लालच का खंजर फेंको जिद के पीछे मत दौड़ो तुम देश के पंछी हो देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों देखो ये धरती.... हम सबकी माता है सोचो, आपस में क्या अपना नाता है हम आपस में लड़ बैठे तो देश को कौन संभालेगा कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकालेगा दीवानों होश करो..... मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो
मीठे पानी में ये जहर न तुम घोलो जब भी बोलो, ये सोचके तुम बोलो भर जाता है गहरा घाव, जो बनता है गोली से पर वो घाव नहीं भरता, जो बना हो कड़वी बोली से दो मीठे बोल कहो, मेरे देशप्रेमियों....
तोड़ो दीवारें ये चार दिशाओं की रोको मत राहें, इन मस्त हवाओं की पूरब-पश्चिम- उत्तर- दक्षिण का क्या मतलब है इस माटी से पूछो, क्या भाषा क्या इसका मजहब है फिर मुझसे बात करो ब्लागप्रेमियों... आपस में प्रेम करो
सही कहा
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंआईये जाने ..... मन ही मंदिर है !
जवाब देंहटाएंआचार्य जी
आज तो सब कुछ चित्र के माध्यम से ही कह दिया!
जवाब देंहटाएं100 % sahi baat........
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंचित्र भी पारिभासित कर रहा है अनुभव को।
जवाब देंहटाएंbilkul sahi he
जवाब देंहटाएंअब ये भी सही!
जवाब देंहटाएंHun.... Very witty joke... aaj hansunga nahee !!!
जवाब देंहटाएंabsolutely rite
जवाब देंहटाएंsahmat hain ji aapse.
जवाब देंहटाएंबहुत सही परिभाषा!
जवाब देंहटाएंशानदार!
जवाब देंहटाएंvisual अच्छा और सही लगा
जवाब देंहटाएंफिल्म- देशप्रेमी
जवाब देंहटाएंगीत-महाकवि आनन्द बख्शी
संगीत- लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल
नफरत की लाठी तोड़ो
लालच का खंजर फेंको
जिद के पीछे मत दौड़ो
तुम देश के पंछी हो देश प्रेमियों
आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
देखो ये धरती.... हम सबकी माता है
सोचो, आपस में क्या अपना नाता है
हम आपस में लड़ बैठे तो देश को कौन संभालेगा
कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकालेगा
दीवानों होश करो..... मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो
मीठे पानी में ये जहर न तुम घोलो
जब भी बोलो, ये सोचके तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव, जो बनता है गोली से
पर वो घाव नहीं भरता, जो बना हो कड़वी बोली से
दो मीठे बोल कहो, मेरे देशप्रेमियों....
तोड़ो दीवारें ये चार दिशाओं की
रोको मत राहें, इन मस्त हवाओं की
पूरब-पश्चिम- उत्तर- दक्षिण का क्या मतलब है
इस माटी से पूछो, क्या भाषा क्या इसका मजहब है
फिर मुझसे बात करो
ब्लागप्रेमियों... आपस में प्रेम करो