हंसी के बारे में …आज कल जगह-जगह लाफ्टर क्ल्ब खुल गए हैं। पर्कों मे भी। कुछ लोग सुबह पार्क में जमा हो जाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से हंसते हैं। पर दरअसल ये लोग आर्टिफिशियल हंसी हंसते हैं। इस तरह की हंसी का स्वास्थ्य पर कोई साकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
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हास्य फुहार :: रिश्तेदारखदेरन फाटाक बाबू से, “फाटक बाबू आजकल देखता हूं कि आपके यहां कोई रिश्तेदार नहीं आते। कैसे मैनेज किया आपने उनका नहीं आना?” फाटक बाबू, “बहुत साधारण सा फॉर्मुला अपनाया। जो धनी रिश्तेदार आते थे उनसे मैंने रुपये उधार लेना शुरु कर दिया। और जो ग़रीब रिश्तेदार आते थे उनको उन्हीं रुपयों से क़र्ज़ देना शुरु कर दिया। कुछ दिनों के बाद दोनों ने ही आना बंद कर दिया।” |
उत्तम विचार!
जवाब देंहटाएंबढिया हास्य फ़ुहार।
हा-हा-हा.....
सटीक फार्मूला
जवाब देंहटाएंहा हा
सटीक तरीका.
जवाब देंहटाएंहा हा हा ...
जवाब देंहटाएंशरद जोशी का लिखा..तुम कब जाओगे अतिथि .. पढ़ा है कि नहीं..?यदि नहीं,तो ढूंढ कर पढ़ लीजिए.
हा हा हा ... !
जवाब देंहटाएंरिश्तेदारों को भागने का आसान तरीका !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएं--
उपयोगी हास्य!
मज़ेदार! ह-हा-हा-हा....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंसटीक फार्मूला !
जवाब देंहटाएंअद्भुत बुद्धि - जय हो! ह: हा: हा:
जवाब देंहटाएंchaliye...
जवाब देंहटाएंab khush honge wo.......
ab koi nahin aataa.....!!
hansi nahin aa rahi aaj...
हाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहा
जवाब देंहटाएंअच्छा आईडिया है