एक विदेशी पर्यटक टैक्सी से आगरे पर्यटन के लिए निकला। सबसे पहले ताजमहल आया। उसने टैक्सी ड्राइवर से पूछा, “यह क्या है?” टैक्सी ड्राइवर ने कहा, “ताजमहल!” विदेशी, “कितने दिनों में बना?” ड्राइवर, “22 साल में।” विदेशी, “हमारे यहां के मजदूर तो ऐसा कंस्ट्रक्शन 2 साल में ही बना देते हैं।” फिर एक दूसरी इमारत आइ। विदेशी ने पूछा, “यह क्या है?” ड्राइवर, “लाल किला!” विदेशी, “कितने दिनों में बना?” ड्राइवर, “दस साल में।” विदेशी, “हमारे यहां के मजदूर तो ऐसा कंस्ट्रक्शन एक साल में ही बना देते हैं।” इसी तरह से पूछते उत्तर देते-देते दिल्ली आ गई। एक लम्बा सा स्तम्भ जैसा स्ट्रक्चर था। विदेशी ने पूछा, “यह क्या है?” ड्राइवर – “यहां लिखा है – कुतुब मीनार!” विदेशी – “कितनों दिनों में बना?” ड्राइवर- “पता नहीं। सुबह यहां से जा रहा था तब तो यहां कुछ भी नहीं था।” |
वाह क्या खूब
जवाब देंहटाएंऐसा मेरे पड़ोस में भी हुआ
सुबह उनके परिवार में चार लोग थे शाम तक पाँच हो गये
आज का लतीफा ते बहूत ही मजेदार है!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंइस चुट्कुले को हर बार पढ्ने - सुनने मे मज़ा आता है ...
आखिर देश की नाक का स्वाल है जी ...!!!!
हा...हा...हा...
जवाब देंहटाएंमज़ेदार
हा हा
जवाब देंहटाएंजैसे को तैसा..
bahutkhoob...
जवाब देंहटाएंहा...हा...हा...
जवाब देंहटाएंमज़ेदार..................
मज़ेदार.
जवाब देंहटाएंहा...हा...हा...
जवाब देंहटाएंहा हा!! :)
जवाब देंहटाएंmajedaar
जवाब देंहटाएंड्राइवर को सलाम :) इन विदेशियों को इसे ही जबाब समझ में आते हैं :)
जवाब देंहटाएंड्राइवर ने तो कमाल ही कर दिया----मजेदार-----।
जवाब देंहटाएंही ही...वाह वाह
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