फाटक बाबू के घर एक अँगरेज़ दोस्त आये। मिसेज फाटक ने सुबह-सुबह नाश्ते में चूरा-दही परोसा। अँगरेज़ मित्र ने ब्रेकफास्ट का मेनू जानना चाहा।
फाटक बाबू ने बताया, 'दिस ईस इज चूरा.... ! चूरा मीन्स बिटेन राईस।" एंड दिस इज दही... !"
अँगरेज़ मित्र ने पूछा, "व्हाट इज दही ?"
फाटक बाबू तो बगले झाँकने लगे। ये तो खाने के बदले लगा अंग्रेजी का इम्तिहान लेने। पति को सर खुजलाते देख मिसेज फाटक ने मोर्चा संभाला।
मिसेज फाटक ने कहा, "दिस इज दही ! मीन्स.... मिल्क स्लेप्ट एट नाईट। इन मोर्निंग बिकेम टाईट।
दोस्त भी समझदार थे। बोले, " यू आर राईट। यू आर राईट। दैट'स व्हाय इट लुक्स व्हाईट।
अगर दही की परिभाषा पसंद आयी तो दिल खोलकर ठहाका लगाइएगा।
हा..हा...हा...बहुत ही मजेदार
जवाब देंहटाएंमजेदार!
जवाब देंहटाएंवाह , क्या बांधा है दही को परिभाषा में! बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंहाहाहाहहा....आदिगुर शंकराचार्य जी से जब मंडन मिश्र हार रहे थे तो उनकी पत्नी ने मोर्चा संभाला था। अब फाटक बाबू की पत्नी ने विदेशी से जान बचाई। वाह भारतीय पत्नी . पती पर संकट बर्दाश्त नहीं। पीटती है तो बचाती भी है। हीहीहहीहीहहीीह
जवाब देंहटाएंमजेदार !!
जवाब देंहटाएंमजेदार ...!!
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