किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
अचानक शाम को बत्ती गुल हो गई। फाटक बाबू को मोमबत्ती जलाने के लिए माचिस की दरकार थी। घर में नहीं होने के कारण खदेरन से मांगा। देखिए क्या हुआ?
“ये कैसी माचिस लाकर दिए खदेरन। एक भी तीली नहीं जल रही।”
“लेकिन फाटक बाबू मैं तो सब चेक करके लाया हूं।”
:-)
nice
ise sabree se prernaa mili hai lagta hai....
खदेरन हर काम पर्फ़ेक्ट करता है।मज़ेदार!हा-हा-हा-...
चेक ? जला कर ...:):)बहुत बढ़िया
ha... ha... ha... ha.... !!!!
ha..ha..ha...nice.....
वाह ..बहुत खूब !!
हा हा!!
एक दम सही. चैक करना ज़रूरी था :))
:-)
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंise sabree se prernaa mili hai lagta hai....
जवाब देंहटाएंखदेरन हर काम पर्फ़ेक्ट करता है।
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
हा-हा-हा-...
चेक ? जला कर ...:):)बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंha... ha... ha... ha.... !!!!
जवाब देंहटाएंha..ha..ha...nice.....
जवाब देंहटाएंवाह ..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !!
हा हा!!
जवाब देंहटाएंएक दम सही. चैक करना ज़रूरी था :))
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