किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
हल्कु पतलू से, “तुम तो जानते ही हो, कि मैं कितनी मेहनत करके नीचे से ऊपर आया हूं!”
पतलू, “हां-हां, क्यों नहीं! पहले तुम बूट पॉलिश किया करते थे, और अब तो सिर पर तेल मालिश करने लगे हो!!”
हा हा!!
पाँव से सिर तक मेहनत का नतीजा. कमर और गर्दन भी सीधी हो गई. बढ़िया :))
क्या बात है:)
नमस्कार जी वाह वाह। क्या बात है:) हा हा!!
wahhhhhhhhh niceeeeeeee
ha ha .. goooodmere blog par bhi kabhi aaiye Lyrics Mantra
सर जो तेरा चकराए!!
हा हा!!
जवाब देंहटाएंपाँव से सिर तक मेहनत का नतीजा. कमर और गर्दन भी सीधी हो गई. बढ़िया :))
जवाब देंहटाएंक्या बात है:)
जवाब देंहटाएंनमस्कार जी
जवाब देंहटाएंवाह वाह। क्या बात है:) हा हा!!
wahhhhhhhhh niceeeeeeee
जवाब देंहटाएंha ha .. gooood
जवाब देंहटाएंmere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
सर जो तेरा चकराए!!
जवाब देंहटाएं