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बुधवार, 15 दिसंबर 2010

फ़र्क़

एक दिन भगावन और उसका दोस्त रिझावन स्कूल से साथ-साथ लौट रहे थे। रास्ते में एक पोखर था। पोखर में कुछ लोग तैर रहे थे। यह देख रिझावन ने भगावन से पूछा, “यार तुझे तैरना आता है?”

भगावन ने उदासी से कहा, “नहीं यार!”

रिझावन ने उसे चिढाते हुए कहा, “क्या यार! तेरे बराबर के तो कुत्ते भी तैर लेते हैं!!”

भगवान को यह सुन कर बहुत बुरा लगा। पर भगावन तो भगावन है। उसने भी अपना पासा फेंका, “अच्छा रिझावन यह बता कि तुझे तैरना आता है?”

रिझावन ने कहा, “हां, बिल्कुल आता है।”

भगावन बोला, “फिर तुझमें और कुत्ते में क्या फ़र्क़ है?”

18 टिप्‍पणियां:

  1. तकरार में पलटवार...बरबस हँसी छूट गई.

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  2. हाहा.. क्या सही उत्तर दिया भगावन ने.. मस्त..
    रजनी चालीसा का जप करने ज़रूर पधारें ब्लॉग पर :)

    आभार

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  3. क्या घुमाकर मारा भगावन ने। मज़ेदार।
    हा-हा-हा.....

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  4. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (16/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा।
    http://charchamanch.uchcharan.com

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  5. हा हा हा हा ..........
    कोई फर्क नहीं !!

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  6. बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ जिस पर हर गुरुवार को रचना प्रकाशित...आज की रचना "प्रभु तुमको तो आकर" साथ ही मेरी कविता हर सोमवार और शुक्रवार "हिन्दी साहित्य मंच" at www.hindisahityamanch.com पर प्रकाशित..........आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे..धन्यवाद

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  7. soch rahe hain..ki kyaa sach mein jise tairnaa aataa ho...


    wo doob saktaa hai.......?????????????????????

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