‘आपकी आंख की जांच हो गाई जी! आपकी नजर कमजोर तो है, आइए पता लगाते हैं कितनी है कितने नम्बर का चश्मा लगेगा? सामने देखिए और ऊपरकी लाईन पढि़ए।’
’कौन सी लाइन?’
‘वह जो चार्ट पर हैं।’
‘कौन सा चार्ट?’
‘वो जो दीवार पर टंगा है।’
‘कौन सी दीवार?’
‘हम्म!! आपको चश्मे की नहीं, लाठी की जरूरत है।’
हाहाहााहहाहाहा
जवाब देंहटाएंकौन सी लाठी? :))
जवाब देंहटाएंहा हा।
जवाब देंहटाएंडॉक्टर के पास जाने से पहले बता दिया आपने ...हा ..हा ...हा .
जवाब देंहटाएंजरा संभल के साहब, आपके सुझाव से क्रोधित हो कर कहीं लाठी आप पर ही न बरसा दे....
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा.....
हा हा हा………॥
जवाब देंहटाएंकही आँखे चेक करने वाले को ही चश्मे की जरुरत नहीं है |
जवाब देंहटाएंहा ..हा ...हा .
जवाब देंहटाएंजब आंखे आड़ी तिरछी घूम रही हो तो टेस्टिंग करने वाला कोई सरफिरा ही होगा ... हा हा जबरजस्त ....
जवाब देंहटाएंउनको लाठी भी नहीं चलेगा..
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जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
Vo bhi nahi dikhegi .. ha ha ha ...
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