फुलमतिया जी के तीनों प्रश्नों का उत्तर न दे सका था खदेरन। तो उसका हौसला बढाने के लिए फुलमतिया जी ने कहा, “कोई बात नहीं अब चौथे प्रश्न का उत्तर दो। जब खखोरन और उसके चारो भाइयों ने एक टैक्सी ले ली और दिन भर सवारी की खोज में इधर-उधर घूमते रहे। उनकी टैक्सी चलते-चलते एक जगह रुक गई। स्टार्ट करने के लिए उन्हें मालूम था कि गाड़ी को धक्का देना पड़ता है। चारो भाई धक्का लगानी उतरे। पर टैक्सी अपनी जगह से नहीं हिली। बोलो क्यों?”
खदेरन माथा खुजाने लगा। उसकी समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दे। उसने हार मान ली तो फुलमतिया जी बोलीं, “वेरी सिम्प्ल! २ भाई आगे और २ भाई पीछे से धक्का लगा रहे थे .. हा. हा. हा..हा,…..!”
:-))
जवाब देंहटाएंविदुषी फुलमतिया :))
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएं:):)
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंvery nice and fulmatiya ji to very smart hai
जवाब देंहटाएंफूलमतिया जी का कोई जवाब नहीं है |
जवाब देंहटाएंखदेरन की खैर नहीं!
जवाब देंहटाएंहा हा, बम्पर प्रश्न।
जवाब देंहटाएंकमाल का टॉप गेयर आइडिया था!!
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