खदेरन डॉक्टर उठावन सिंह की क्लीनिक पहुंचा। उसे तेज़ बुखार था। डॉक्टर ने अपना किट खोला। उसमें से उसने दो थर्मामीटर बाहर किया। दोनों थर्मामीटर दो तरह के थे।
खदेरन ने डॉप्क्टर उठावन से पूछा, “आपने दो-दो थर्मामीटर क्यों रखे हैं?”
डॉक्टर उठावन सिंह ने कहा, “यह जो पहला थर्मामीटर है, उसे मैं मरीज़ के मुंह में लगाता हूं ताकि मुझे पता चले कि उसका शरीर कितना गर्म है?”
ख्देरन ने पूछा, ‘‘ठीक है। और यह दूसरा?”
डॉक्टर उठावन सिंह ने बताया, “यह दूसरा थर्मामीटर मैं मरीज़ की जेब में लगाता हूं, जिससे मुझे यह पता चले कि उसकी जेब कितनी गर्म है?”
फुलमतिया कोई किताब पढ रही थीं। पढते-पढते कुछ हाथ लगा। चहकते हुए बोलीं, “देखो इस किताब में लिखा है कि स्वर्ग में पति-पत्नी को अलग-अलग रखा जाता है।”
खदेरन आज फिर अपानी मंडली पहुंच गया। बुझावन पेग पे पेग दिए जा रहा था। खदेरन उसे समझा रहा था। पर वो मान ही नहीं रहा था।

