खदेरन आज फिर अपानी मंडली पहुंच गया। बुझावन पेग पे पेग दिए जा रहा था। खदेरन उसे समझा रहा था। पर वो मान ही नहीं रहा था।
खदेरन ने कहा, “अब बस कर बुझावन! घर भी जाना है कि नहीं?”
बुझावन बोला, “आज तब तक पिएंगे … तब तक पिएंगे … जब तक कि सामने वाले तीन पेड़ छह न दिखने लगे।”
खदेरन ने सामने की ओर देखा और चिल्लाकर बोला, ‘अबे घोंचू! बस करो! सामने एक ही पेड़ है!!”
जय हो।
जवाब देंहटाएंमज़ेदार।
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा....
ha ha ha ....
जवाब देंहटाएंमज़ेदार मज़ेदार मज़ेदार मज़ेदार
जवाब देंहटाएंbahut sundar ..kal aapka yah joke ...charchamanch par hoa ... aapka aabhar ,,
जवाब देंहटाएंआज हास्य फुहार पर एक साथ तीन तीन पोस्ट क्यों लगा दिया है आपने???
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक !
जवाब देंहटाएंmast maza aa gaya ... rasprabha@gmail.com per sampark karen
जवाब देंहटाएंथोड़ी और पीने देते तो 3 के 6 भी दिखने लगते।
जवाब देंहटाएंमेरा ब्लॉग भी देखें
भले को भला कहना भी पाप
:):)
जवाब देंहटाएंBahut Khubbbb
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