फुलमतिया जी जल्दबाज़ी में थीं। बाज़ार जाना था। उन्होंने सो रहे खदेरन से कहा, “मैं बाज़ार जा रही हूं, मुझे दो हजार रुपए की ज़रूरत है।”
खदेरन ने झल्लाए हुए कहा,“ तुम्हें रुपए से ज़्यादा अक्ल की ज़रूरत है।”
फुलमतिया जी ने कहा, “हां, वो तो है। लेकिन मैंने तुमसे वही चीज़ मांगी है जो तुम्हारे पास है।”
हा हा
जवाब देंहटाएंmajedar hai..
जवाब देंहटाएंसही बात है :)
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा...
हा-हा-हा....
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