भगावन हांफता-हांफता स्कूल पहुंचा। कक्षा में घुसा तो देखा क्लास लग चुकी है।
टीचर गुनगुनिया ने उसे घूरते हुए पूछा, “आज स्कूल देर से आने का तुमने क्या बहाना ढ़ूंढा है?”
भगावन ने मासूमियत से जवाब दिया, “मैडम आज मैं इतनी तेज़ दौड़ कर आया हूं कि बहाना सोचने का मौक़ा ही नहीं मिला।”
हे भगवान् :)
जवाब देंहटाएंहा हा हा
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा ....
क्या बहाना लगाया है.
जवाब देंहटाएंदुनाली पर देखें
चलने की ख्वाहिश...
ये भी सही बहाना है |
जवाब देंहटाएंये कार्टून तो सिन्चैन है मुझे और मेरी बेटी दोनों को बहुत पसंद है |
बेचारा भगावन ...:):)
जवाब देंहटाएंआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (30.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
हा हा हा……………॥बेचारा इसे ही कहते है।
जवाब देंहटाएंमज़ेदार! मज़ेदार! मज़ेदार! मज़ेदार! मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंलिस्ट थमा देता टीचर को और कह देता जो लागू न हों उसे काट दें!!
जवाब देंहटाएंवाह रे वाह।
जवाब देंहटाएंaapka blog bahut hin achchha laga. aaj aadmi ki bahut badi jarut hansna hai. Aajka manav sabkuch hote huye bhi hansna bhool gaya hai.
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