किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
क्लास में मिस गुनगुनिया बच्चों से, “जिस व्यक्ति को कान से न सुनाई दे उसे क्या बुलाना चाहिए?”
भगावन ने हाथ उठाया और जवाब दिया, “कुछ भी बुला सकते हैं मैम!”
मिस गुनगुनिया गुस्से से, “क्यों?”
भगावन मुस्काते हुए, “क्योंकि उसे सुनाई तो देगा ही नहीं।”
HA HA HA ...
sahi jabab....
wah kya baat hai
अगर उसने लिप रीडिंग कर ली तो पकड़े जाएँगे :))
हा हा ..सही कहा
ha ha ha sahi jawab
भाई वाह।
सही तो कहा है।
वेल सेड! :)
बड़ा अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर, आप जैसे प्रतिभाशाली ब्लॉग लेखको का "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" परिवार में स्वागत है. इस साझा मंच में योगदान के लिए हमें मेल भेंजे.. editor.bhadohinews@gmail.com
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जवाब देंहटाएंwah kya baat hai
जवाब देंहटाएंअगर उसने लिप रीडिंग कर ली तो पकड़े जाएँगे :))
जवाब देंहटाएंहा हा ..सही कहा
जवाब देंहटाएंha ha ha sahi jawab
जवाब देंहटाएंभाई वाह।
जवाब देंहटाएंसही तो कहा है।
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जवाब देंहटाएंबड़ा अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर, आप जैसे प्रतिभाशाली ब्लॉग लेखको का "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" परिवार में स्वागत है. इस साझा मंच में योगदान के लिए हमें मेल भेंजे.. editor.bhadohinews@gmail.com
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