किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
वह शादी पकड़-धकड़ कर कराई गई थी।
पंडित ने भी आनन-फानन में विवाह सम्पन्न कराया। फिर उसने ज़ोर से उद्घोषणा की, “शादी सम्पन्न हुई। किसी को इस शादी से ऐतराज़ तो नहीं है?”
एक मात्र आवाज़ आई, “जी, मुझे है।”
पंडित ने कहा, “तुम चुप रहो जी, तुम तो दूल्हा हो।”
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ha ha ha ha ha ha ha ha..........shaadi mubarak............../////
हा हा, सबका यही हाल है।
घना बढिया काम कर रहे हो, आप तो, ऐसे ही करते रहो, हम फ़ायदा उठा रहे है
हा-हा-हा
:)
यकीनन शादी के बाद दुल्हे को ही एतराज हो सकता है
हा हा हा मजा आ गया।
shadi mubarak ho
मज़ेदारहा-हा-हा....
:):) जिसे ऐतराज़ था उसे तो चुप करा दिया ..
सबको शादी होने के बाद ही ऐतराज होता है होने से पहले क्यों नहीं करते |
ek mauka to diya jana chahiye tha ! baad mein to vaise bhi zabaan band honi hi thi !
हा हा हा सही है objection over ruled
:-) हा हा हा...
हा हा हा ..., हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये.
शादी ताज़ा ताज़ा हुई थी इसीलिए दूल्हे राजा की आवाज़ फूट भी गयी....बाद में तो बोलती बंद ही होनी है!!
हाहाहहाहाह क्या बात है
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जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ha ha ha..........shaadi mubarak............../////
जवाब देंहटाएंहा हा, सबका यही हाल है।
जवाब देंहटाएंघना बढिया काम कर रहे हो, आप तो, ऐसे ही करते रहो, हम फ़ायदा उठा रहे है
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंयकीनन शादी के बाद दुल्हे को ही एतराज हो सकता है
जवाब देंहटाएंहा हा हा मजा आ गया।
जवाब देंहटाएंshadi mubarak ho
जवाब देंहटाएंमज़ेदार
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा....
:):) जिसे ऐतराज़ था उसे तो चुप करा दिया ..
जवाब देंहटाएंसबको शादी होने के बाद ही ऐतराज होता है होने से पहले क्यों नहीं करते |
जवाब देंहटाएंek mauka to diya jana chahiye tha ! baad mein to vaise bhi zabaan band honi hi thi !
जवाब देंहटाएंहा हा हा सही है objection over ruled
जवाब देंहटाएं:-) हा हा हा...
जवाब देंहटाएंहा हा हा ..., हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये.
जवाब देंहटाएंशादी ताज़ा ताज़ा हुई थी इसीलिए दूल्हे राजा की आवाज़ फूट भी गयी....बाद में तो बोलती बंद ही होनी है!!
जवाब देंहटाएंहाहाहहाहाह क्या बात है
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