एक दिन फुलमतिया जी खदेरन को शिकायत के स्वर में बोलीं, “दुनिया में कैसे-कैसे बे-ईमान लोग हो गए है?”
खदेरन को कुछ समझ में नहीं आया। पूछा, “क्यों, क्या हुआ?”
फुलमतिया जी बोलीं, “आज सवेरे दूधवाला मुझे खोटा सिक्का दे गया!”
खदेरन बोला, “अरे! यह तो बहुत बुरा किया उसने। दिखाओ ज़रा!”
फुलमतिया जी बोलीं, “अब वह मेरे पास कहां है! मैंने वह सब्ज़ीवाले को दे दिया!!”
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंफुलमतिया, दूधवाले, और सब्ज़ीवाले वाले में धड़ल्ले से चलने वाला सिक्का खोटा कहाँ रहा. बल्कि यह तो ईमानदारी की हद है.
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंdardeelee haseea aee ...........
जवाब देंहटाएंखोटा सिक्का लौटकर वापस आता है पर।
जवाब देंहटाएंkhota sikka akhir chal gaya
जवाब देंहटाएंChain Reaction!!!
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा...
:):) सिक्का तो चलन में है ..फिर खोटा कहाँ
जवाब देंहटाएंshi kha aapne ise khte hen khote sikke ka kaam aana . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंये खोटा सिक्का तो धरल्ले से चल रहा है...ऐसा खोटा सिक्का तो मैंने नहीं dekha ...कभी कभी....
जवाब देंहटाएंहम सब ईमानदार है जब तक बेईमानी करने का मौका ना मिले
जवाब देंहटाएंBhushan ji se sahmat :)
जवाब देंहटाएंचलो खोता सिक्का भी चलता है, यह मालूम हो गया. आप को कुछ बेचना हो तो मुझे अवश्य बताएं.
जवाब देंहटाएंwah ji wah..... bhaoot khoob kahi aapne
जवाब देंहटाएंअपनी लूट की भरपाई दुसरे को लूटकर ...सही है आजकल यही सबसे आसान तरीका है लूटेरों को पकरने फिर उससे उसूलने का झंझट बरा मेहनत का काम है...और इस काम में आपको कानून व्यवस्था भी साथ नहीं देता है ...
जवाब देंहटाएंwah kya baat hai........
जवाब देंहटाएंkoi aur kare to khota, aur ham kare to hoshiyaari
जवाब देंहटाएंKhote sikke bhi chalte hain bus chalane wala chahiye... bahut sundar prastuti
जवाब देंहटाएंदुनिया भी ऎसे ही चल रही है...खोटे सिक्के की माफिक. एक हाथ से दूसरे हाथ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ....आजकल यही तो हो रहा है ।
जवाब देंहटाएंआज से समय में इसे बे-ईमानी नहीं कहते है |
जवाब देंहटाएंखोटा सिक्का ही चलता है जी ... यही तो खासियत है हमारे देश की .. इसी बात पर मैंने लिखा है इसबार ..
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बधाई हो बंधुओं ! बधाई हो ! चलिए खुशियाँ मनाते हैं ! पार्टी करते हैं !
ye haqiqat hai jamane kee...bahut khoob...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है!
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ज्योति-पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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हा हा हा हा,
अब तो जेब टटोलनी होगी, सब्जी जो खरीद कर लौटे हैं अभी-अभी!
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ....
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