मोहल्ले में चोरी के वारदात बढ गए थे।
कुछ भी सुरक्षित नहीं था।
फुलमतिया को चिंता सता रही थी कि कैसे घर की रखवाली की जाए।
उन्होंने मां से सलाह ली क्या करना चाहिए। उनकी मां चम्पई देवी ने कहा, “वैसे तो खदेरन के रहते तुझे समस्या नहीं होनी चाहिए थी, पर फिर भी तू एक कुता रख ले, वो घर की रखवाली करेगा।”
फुलमतिया जी के आदेशानुसार खदेरन गया बाज़ार।
उसने दूकानदार से पूछा, “यह कुत्ता तो बहुत सुंदर है, कुछ घर की रखवाली वगैरह भी ठीक से करेगा तो।”
दुकानदार बोला, “जी बहुत अच्छी तरह से, बस जब भी चोर आए, इसे समय पर उठा सेना।”
दूकानदार ने कुत्ते का नाम नहीं बताया. वैसे चंपई देवी ने संकेत तो किया है :))
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा.....
यह अधिकारी हैं क्या?
जवाब देंहटाएंlol
जवाब देंहटाएंउपरोक्त टिप्पणी में भूषणजी ने रखवाले कुत्ते के नामकरण की सही टीप दे ही दी है । बाकि हमेशा की तरह मुस्कान लाने में कामयाब.
जवाब देंहटाएं:):)
जवाब देंहटाएंhmmm.....nice
जवाब देंहटाएंहा....हा.....हा.....
जवाब देंहटाएंmast
जवाब देंहटाएं..........मज़ेदार !
जवाब देंहटाएंयह कुत्ता तो बहुत सुंदर है,
जवाब देंहटाएंaap ki fuhare bahut hi sunder hoti hai.
Bahut badhiya joke hai.
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