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सोमवार, 22 नवंबर 2010

खांसी जएगी क्या?

फिर जमी थी महफ़िल, यारों की। खदेरन को भी बुलावा था, सो वह भी पहुंच गया। सुबह से उसे काफ़ी खांसी हो रही थी। जब यार-दोस्तो नें पीने का ऑफ़र दिया तो खदेरन ने कहा, “यार मैं नहीं पी पाऊंगा। बहुत खांसी हो रही है।”

सुखारी ने कहा, “ईज़ी यार, सब चला जाएगा?”

खदेरन को यक़ीन नहीं हुआ और बड़े भोलेपन से उसने पूछा, “क्या शराब पीने से खांसी जाती है?”

जलावन सिंह ने बताया, “क्यों नहीं जाएगी? जब मेरा घर, खेत, पैसा,

सब कुछ चला गया तो तेरी खांसी क्या चीज़ है।”

15 टिप्‍पणियां:

  1. आजकल मुझे भी खांसी आ रही है

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  2. बिलकुल सही बात कही.जलावन सिंह की जय हो :)

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  3. वाह, क्या भोलापन है, सवाल जवाब में।

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  4. वाह,क्या बात है ! पढ़ कर आनंद आ गया !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

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  5. मुझे तो और भी जाने क्या क्या आ रहा है हा हा ....

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