कभी-कभार खदेरन भगावन को पढाने बैठ जाता था। अब भगावन तो भगावन है। बाप कोई प्रश्न करे उसके पहले वही प्रश्न कर दे। उस दिन भी ऐसा ही हुआ। भगावन ने पूछा, “ पापा! मां के आंसू और पत्नी के आंसू में क्या फ़र्क़ होता है?”
खदेरन ने जवाब दिया, “बेटा, मां के आंसू दिल पर असर करते हैं और पत्नी के आंसू जेब पर!”
दिल और जेब बहुत पास-पास होते हैं :))
जवाब देंहटाएंयकीनन सटीक जवाब
जवाब देंहटाएंहा हा ...!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंकटी जेब की सत्यकथा.. एक कैंची धारदार...
जवाब देंहटाएंहम्म ...वैसे यही सोच पत्नियों को रुलाती भी है ..
जवाब देंहटाएंनाईस ।
जवाब देंहटाएंhahahaha kya baat hai ........
जवाब देंहटाएंmajedar ha ha ha
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी आये
www.deepti09sharma.blogspot.com
सच ही तो बोला।
जवाब देंहटाएंसटीक जवाब.
जवाब देंहटाएंसादर
डोरोथी.
बेटा, मां के आंसू दिल पर असर करते हैं और पत्नी के आंसू जेब पर!”
जवाब देंहटाएंसही तो कहा।
जवाब देंहटाएं:) सही है :)
जवाब देंहटाएंमज़ेदार।
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा....
:-)
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