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गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

एक लघु नाटिका : आदर्श जोड़ा

एक मात्र दृश्य

मंच पर दो पात्र। धीमा प्रकाश जो धीरे-धीरे तेज़ होता जाता है।

आदर्श प्रेमी :: (घुटनों पर खड़ा होकर, दोनों हाथ आकाश की ओर उठा कर, सामने खड़ी प्रेमिका से)

हे प्रिये! तुम्हारी सुन्दरता, तुम्हारी सरलता, और तुम्हारी सादगी हमें एक आदर्श प्रेमी जोड़ा बनाते हैं।

आदर्श प्रेमिका :: (आदर्श प्रेमी का हाथ अपने हाथ में लेकर, आसमान की ओर देखते हुए)

हां प्रिये! तुम्हारी सम्पत्ति, तुम्हारा रसुख और तुम्हारा बैंक बैलेन्स भी इसमें पूरा सहयोग देते हैं।

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