बेलन महिमा -4
…………………………………बेलन महिमा - 3 के बाद
खैर, ऐसी हाज़िरजवाब वो तो चली गईं।
और कांत भी क्यों लगे डरने
सामने अख़बार पड़ा था
लेकर बैठ गये पढ़ने।
एक आलेख ने प्राणेश्वर को ललकारा
उन्होंने अपनी प्राणेश्वरी को पुकारा
कहा, “सुनो तुम हमेशा मुझे कोसती हो
कि मेरे पास दिमाग नहीं है
यह देखो अख़बार में लिखा है
पुरुषों के दिमाग
औरतों से ज़्यादा तेज होता है।”
अर्द्धांगिनी बोलीं, “तुम अब भी
अपने दिमाग से काम नहीं ले रहे हो
अख़बार में जो लिखा है, पढ़ कर वही बोल रहे हो।”
......अभी..... ज़ारी है ....
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
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मज़ेदार .. हा-हा-हा-हा-हा...
जवाब देंहटाएंWakai majedar hai Belan mahima......
जवाब देंहटाएंहा..हा...हा....हा...
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha ha !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह...!
जवाब देंहटाएंहाजिर जवाबी हो तो ऐसी!
Man to kar raha hai ki puri rachna ek baar me hi pad lu.Bahut majedar hai ..Ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंBahut sunder aur ham apne aapko hasne se nahi rok paye... :)
जवाब देंहटाएंmaine aap ka belan kand 1 to 4th tak pura padha aur bahut enjoy kiya...maine poorn roop se aapki aur apke bichare praanpriye ki chhavi dekhi..aur ab dekho meri bhi battisi nikal rahi hai...
जवाब देंहटाएंok bye...lets enjoy......ha.ha.ha.
वाह वाह मज़ा आ गया ...........
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