बेलन महिमा -6
………………………………..बेलन महिमा – 5 के बाद
बात आगे बढ़ी,
वामांगिनी की त्योरी चढ़ी,
अंदर का क्रोध जगा,
और उनके हाथ का बेलन उत्तमांग के सिर पर लगा।
घर की कलह और ख़ाविंद के ख़ुद के गुस्से ने
प्रिय को पथ से भटकाया
आब देखा ना ताब
पंखे से रस्सी का फंदा लटकाया
स्टूल पर चढ़ उसे गले में डालने के लिए हो गये तैयार
तभी प्रिया की आई ज़ोर से फटकार
“मरना है तो मरो
पर, जो भी करना है ज़ल्दी करो”
......अभी..... ज़ारी है ....
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
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ha ha ha ha ...dekhna hai aage kya hota hai.
जवाब देंहटाएंmajedar banta ja raha hai ,ha ha ...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंkuch jyada hee beraham nahee ho gai patneejee ? lagataa hai pati bhee natakkar hee honge ! ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंइतना खतरनाक.
जवाब देंहटाएंहा हा हा...
बेलन महिमा अपरंपार ......... बहुत मज़ा आ रहा है ...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की बहुत बहुत मंगलकांनाएँ ...........
वाह.. उनको भी लगा। मज़ा आ गया। हा-हा-हा-हा-.... बहुत-बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
बेलन महिमा अपरंपार ......... बहुत मज़ा आ रहा है ...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की बहुत बहुत मंगलकांनाएँ ...........
बेलन महिमा पढ़कर एक वाकया याद आया...
जवाब देंहटाएंबार-बार अपने पड़ोस के पती-पत्नी को ठहाके लगाते देख
पड़ोसी ने दोनों को घर खाने में बुलाया,
भोजन के पश्चात उनकी हंसी का राज पूछा-
पती ने हंसते हुए कहा-
इसमें कौई नई बात नहीं है
मेरी पत्नी रोज मुझे बेलन से मारती है...!
जब लग जाता है
तब वो ठहाके लगाती है,
जब बच जाता हूँ
तब मै ठहाके लगाता हूँ।
हा हा हा..
पसंद आया !!
ठहाके लगाइए।
... बहुत खूब !!!
जवाब देंहटाएंयह एपीसोड बढ़िया चल रहा है!
जवाब देंहटाएंha...ha..ha
जवाब देंहटाएंye majaak majaak men jaan dene par baat aa gayi.
aisa khatarnaak majaak ")
"बेलन कथा" तो बहुत बढिया चल रही है :)
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