बेलन महिमा -7
......................................बेलन महिमा – 6 के बाद
घरवाला बोला, - “पता नहीं इस घर में शांति कब होगी
तुम मुझे चैन से मरने भी नहीं दोगी”।
घरवाली बोलीं, - “कोई भी काम ढ़ंग से तो करते नहीं
उल्टे मुझ पर अकड़ रहे हो
रस्सी को गले की जगह हाथ में जकड़ रहे हो
और बंदरों की तरह हवा में खड़े हो
तुम्हारी नहीं
जिस स्टूल पर तुम चढ़े हो
उसकी मुझे ज़रूरत है।
सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है।
और ये शो केश भी फलतू चीज़ों से भरा है।
तुमसे तो कुछ होगा नहीं
मुझे ही यह ड्राईंग रूम सजाना है।
कल मेहमान आने वाले हैं
आलतू-फालतू चीज़ों को यहां से हटाना है”।
सहचर ने स्टूल सहचरी की ओर बढ़ाया,
और आगे के दो घंटे उनके काम में हाथ बंटाया।
......अभी..... ज़ारी है ....
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
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nice
जवाब देंहटाएंvery nice.
जवाब देंहटाएंआ गए रास्ते पर .. हा-हा-हा-हा-हा...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ........
जवाब देंहटाएंIdea flop.chalo ghar ke kaam me haath to bata rahe hai.Ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंHa ha ha ha maja aaya.
जवाब देंहटाएंsaral-sahaj hasya...badhaee.
जवाब देंहटाएंbahut hi bdhiya.
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