खाने में क्या है
श्रीमती जी और श्रीमान जी में किसी बात को लेकर नोंक-झोंक हो गई। सदा की भांति श्रीमती जी रूठकर मायके नहीं गईं। बल्कि मामला इतना गंभीर था कि श्रीमान जी को ही घर के बाहर चला जाना पड़ा। अब उनका मायका टाइप का कोई शरण-स्थल तो था नहीं। इसलिए इधर-उधर भटकते रहे। पर भूख तो प्रतीक्षा नहीं कर सकती थी। जब भूख लगी तो श्रीमती जी को फोन किया, “सुनो, खाने में क्या है?” श्रीमती जी का गुस्सा शांत नहीं हुआ था। बोलीं, “ज़हर।” श्रीमान जी भी कम नहीं थे। बोले, “तो ऐसा करो, मेरा इंतज़ार मत करना और तुम खाकर सो जाना।” |
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अगर पसंद आया तो ठहाके लगाइएगा
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Bahut khub ha ha ha ha ...
जवाब देंहटाएंमजा आ गया .....
जवाब देंहटाएंha-ha-ha-ha-ha.....
जवाब देंहटाएंवाह ..... मज़ा आ गया ......
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंAb lag raha hai ap ghar men khana bhee band karava dengee----ha--ha---ha----ha----
जवाब देंहटाएंHemantKumar
सोने से यहां आकर हंसी की फुहार से सराबोर होना हमारी जरूरत बनता जा रहा है
जवाब देंहटाएंशाहिद मिर्ज़ा शाहिद
that might have been the longest sleep. ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंkha mt lena
जवाब देंहटाएंus ki to kishmt khul jayegi
pr bichari kisi or ki
bigd jayegi
ptivrta dhrm nibhana
pti ko pros kr
fir khana ya mt khana
dr. ved vyathit .faridabad