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मंगलवार, 15 दिसंबर 2009

नोंक-झोंक-7

खाने में क्या है

श्रीमती जी और श्रीमान जी में किसी बात को लेकर नोंक-झोंक हो गई।

सदा की भांति श्रीमती जी रूठकर मायके नहीं गईं। बल्कि मामला इतना गंभीर था कि श्रीमान जी को ही घर के बाहर चला जाना पड़ा। अब उनका मायका टाइप का कोई शरण-स्थल तो था नहीं। इसलिए इधर-उधर भटकते रहे। पर भूख तो प्रतीक्षा नहीं कर सकती थी।

जब भूख लगी तो श्रीमती जी को फोन किया, सुनो, खाने में क्या है?”

श्रीमती जी का गुस्सा शांत नहीं हुआ था। बोलीं, ज़हर।

श्रीमान जी भी कम नहीं थे। बोले, तो ऐसा करो, मेरा इंतज़ार मत करना और तुम खाकर सो जाना।

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अगर पसंद आया तो ठहाके लगाइएगा

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9 टिप्‍पणियां:

  1. सोने से यहां आकर हंसी की फुहार से सराबोर होना हमारी जरूरत बनता जा रहा है
    शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

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  2. kha mt lena
    us ki to kishmt khul jayegi
    pr bichari kisi or ki
    bigd jayegi
    ptivrta dhrm nibhana
    pti ko pros kr
    fir khana ya mt khana
    dr. ved vyathit .faridabad

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