खदेरन को फुलमतिया जी बात बे-बात बुद्धू कहती थीं। खदेरन को भी लगने लगा कि उसका आई.क्यू. कम है। उसने एक कोचिंग क्लास ज्वायन किया जहां आई.क्यू. बढाने के टिप्स दिए जाते थे।
एक दिन कक्षा में सिखाया जा रहा था। प्रशिक्षक ने खदेरन से पूछा तुम खाली पेट कितनी रोटियां खा सकते हो?”
खदेरन ने कहा, “१०!”
इस पर प्रशिक्षक ने उसे समझाया, “ग़लत! जैसे ही तुम एक रोटी खाओगे, तुम्हारा पेट खाली नहीं रहेगा। इसलिए तुम खाली पेट १० रोटियां नहीं खा सकते। समझे?”
“जी समझ गया।” खदेरन आज बहुत खुश था। उसने एक नई जानकारी हासिल की थी। अब जाकर फुलमतिया जी का टेस्ट लेगा।
घर पहुंचकर उसने फुलमतिया जी से पूछा, “तुम खाली पेट कितनी रोटियां खा सकती हो?”
फुलमतिया जी ने कहा, “६ रोटियां।”
यह सुन खदेरन का मुंह उतर गया।
उसे उदास देख फुलमतिया जी ने पूछा, “क्यों क्या हुआ? उदास क्यों हो गए?”
खदेरन उदास स्वर में बोला, “यदि आप १० रोटियां कहतीं, तो मैं आपको ऐसा जवाब देता कि आप मेरी समझदारी पर हैरान रह जातीं!”