बिज़नेस का तगड़ा अनुभव!
एक दिन फाटक बाबू खदेरन को अपने पुराने दिनों के किस्से सुना रहे थे। खदेरन को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि फाटक बाबू को बिज़नेस का भी बड़ा तगड़ा अनुभव है।
खदेरन ने ज़िद की, “फाटक बाबू अपने धंधे के बारे में डिटेल में बताइए न!”
फाटक बाबू बोले, “क्या बताऊं? अब तो ये सब भूले-बिसरे दिनों की बातें हैं।”
खदेरन बोला, “यही बताइए न कि बिज़नेस का अनुभव आपने कैसे प्राप्त किया?”
फाटक बाबू को बताना पड़ा, “जब मैंने बिज़नेस शुरु किया, तो …..”
खदेरन ने उत्सुकता से पूछा, “अकेले शुरु किए थे?”
फाटक बाबू बोले, “नहीं, अकेले कैसे होता सब, एक पार्टनर भी तो रखना पड़ा था।”
खदेरन ने कहा, “फाटक बाबू आप तो इतने गुणी हैं, फिर भी आपको पार्टनर की ज़रूरत पड़ी?”
फाटक बाबू ने समझाया, “अरे गुण तो अनुभव से आता है न! जब मैंने बिज़नेस शुरु किया, तो ….. उस समय मेरे पास पूंजी तो थी पर इस बिज़नेस वाले लाइन का अनुभव नहीं था न। इसलिए हमको एक अनुभवी पार्टनर रखना पड़ा।”
समझने के बाद खदेरन बोला, “अच्छा! बड़ा अच्छा किया। त उस पार्टनर के पास बिज़नेस का अच्छा अनुभव था?”
फाटक बाबू बोले, “हां बड़ा अनुभवी था वह, इस लाइन का!”
खदेरन की आंखों में खुशी की लहर दौड़ गई। फिर पूछा, “तब त फाटक बाबू, आपकी पूंजी और उसके अनुभव के अद्भुत मेल से आपका धंधा खूब चमका होगा!”
फाटाक बाबू बताए, “हा! भाई! खूब चमका! इतना चमका कि आखिर में उसके पास सारी पूंजी और मेरे पास ढेर सारा अनुभव हो गया!!”
अच्छा अनुभव हा हा
जवाब देंहटाएंवाह, यही तो अनुभव है।
जवाब देंहटाएंभागीदारों के मध्य आदान प्रदान!
जवाब देंहटाएंहा हा!! ये चमक भी खूब रही.
जवाब देंहटाएंऐसा अनुभव पाने वाले फाटक बाबु अकेले नहीं है कइयो को ऐसे अनुभव मिल चुके है |
जवाब देंहटाएंअच्छा अनुभव
जवाब देंहटाएंपार्टनर ने पैसा शेयर नहीं किया, खदेरन ने अनुभव तो शेयर किया. धन्यवाद :))
जवाब देंहटाएंअनुभव का लाभी ज़्यादा मिलता है .. हा हा ...
जवाब देंहटाएंवाह! अद्भुत! चित्र सारी बातें बयां कर रही हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही मजेदार हास्य!
जवाब देंहटाएंअच्छा अनुभव है ..हा हा हा
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया !!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंबाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपय्या । तस्वीरे बहुत अच्ची लगाती हं आप । बिन बोले सबकुछ कह जाती है ।
जवाब देंहटाएंवाकई आज का दिन चुटकलों का दिन है......
जवाब देंहटाएंबढिया....... फोटो सहित..
बहुत-बहुत बधाई!
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सुन्दर प्रस्तुति!
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आपकी पोस्ट को बुधवार के
चर्चा मंच पर लगा दिया है!
http://charchamanch.blogspot.com/
सम सामयिक जीवन पर अच्छा व्यंग्य. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर
डोरोथी.
भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है!
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
मज़ा आ गया !!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया...
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा....
जवाब देंहटाएंमजेदार...खूब खूब मजेदार !!!
आनंदित करने के लिए आभार !!!
:) :) बहुत बढ़िया रहा अनुभव
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