चोर अंकल! |
एक दिन खदेरन के घर में चोर घुस आया। घर के सभी लोग बेसुध होकर सोए थे। तभी भगावन की आंख खुल गई। उसने चोर को देखा। उसकी नीयत भांपते भगावन को देर न हुई। वह बोला, “चोर अंकल! आपने अपने बोरे में रखकर अगर मेरे स्कूल बैग और पुस्तकें न ले गए तो मैं घर के सारे लोगों को जगा दूंगा!” |
बस्ते का वज़न कम करने का आखिर यही तरीका बाकी बचा बच्चों के पास. शिक्षा मंत्री अभी सो रहे हैं. बच्चों की दुआएँ लगेंगी इस ब्लॉग को.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा !
जवाब देंहटाएंकरो तो पुस्तकों की चोरी
जवाब देंहटाएंयहाँ भी तो कुछ फुर्सत मिले
ब्लैकमेल!!
जवाब देंहटाएंउम्दा पोस्ट !!
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा---
:) क्या धमकी है ....
जवाब देंहटाएंअब वो भी क्या करें, बोझ ही इतना ज्यादा है...
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर इस बार लानत है ऐसे लोगों पर....
ye bhi khoob rahi :)
जवाब देंहटाएंapke bhagawan me mujhe apna beta dikh raha hai.
जवाब देंहटाएंhahahahah.......vey nice......
जवाब देंहटाएंभगावन ही जान सकता है,उस भार की पीडा॥ :-)
जवाब देंहटाएंआंख खुली तो मौका हाथ लगा, सजगता के लाभ।
ये भगावन जरूर आने वाले कल का सन्ता-बन्ता है :)
जवाब देंहटाएंbsta bhut bhari hai
जवाब देंहटाएंturant vapas aaoge
khoge mujhe maf kro !
चलो, चोर अंकल तोकाम आए।
जवाब देंहटाएं---------
सुनामी: प्रलय का दूसरा नाम।
चमत्कार दिखाऍं, एक लाख का इनाम पाऍं।
वह बोला, “चोर अंकल! आपने अपने बोरे में रखकर अगर मेरे स्कूल बैग और पुस्तकें न ले गए तो मैं घर के सारे लोगों को जगा दूंगा!”
जवाब देंहटाएंha ha ha...........
जवाब देंहटाएंbadhiya
हा हा!! भगावन खुद ही मदद कर देगा रखने में. :)
जवाब देंहटाएंbechara bachcha
जवाब देंहटाएंसही बात है, उसका ख्याल किसी को नहीं।
जवाब देंहटाएंSahi hai c... apne matlab ki baat to karni hi chaahiye ... ha ha ..
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