किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
फुलमतिया जी ने अपने बेटे भगावन से कहा, “भग्गू बेटे! फटाफट मुंह धो लो, … तो मैं तुम्हें एक विस्कुट दूँगी।”
भगावन ने कहा, “मम्मी! पूरा पैकेट ही दे दीजिए!…. मैं नहाने जाता हूँ।”
चालाक बच्चा.
सही है मुँह हाथ धोने पर एक तो नहाने पर पूरा क्यों नही?
:-) :-)
nice
मज़ेदार!हाहाहा
बहुत अच्छे ....मज़ेदार !!
बापू को शत-शत नमन!
हा हा हा हा
बच्चे बड़े होते जा रहे हैं!!
हा,,हा,,हा, हा, बच्चे को बच्चा समझा है क्या :)
मुन्ना बदमाश हो गया है :)
दो अक्टूबर को जन्मे, दो भारत भाग्य विधाता। लालबहादुर-गांधी जी से, था जन-गण का नाता।। इनके चरणों में श्रद्धा से,मेरा मस्तक झुक जाता।।
भग्गू बेटा बहुत समझदार है ...पूरे पाकेट का हक है उसे ...!
राष्ट्रपिता को प्रणाम।
बात तो सही है! जब मुँह धोने पर एक बिस्कुट देंगी तो फिर नहाने पर बहुत ही फायदा है! मज़ेदार!
बहुत बढ़िया ..:):)
very good.
चालाक बच्चा.
जवाब देंहटाएंसही है मुँह हाथ धोने पर एक तो नहाने पर पूरा क्यों नही?
जवाब देंहटाएं:-) :-)
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहाहाहा
बहुत अच्छे ....
जवाब देंहटाएंमज़ेदार !!
बापू को शत-शत नमन!
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा
जवाब देंहटाएंबच्चे बड़े होते जा रहे हैं!!
जवाब देंहटाएंहा,,हा,,हा, हा,
जवाब देंहटाएंबच्चे को बच्चा समझा है क्या :)
मुन्ना बदमाश हो गया है :)
जवाब देंहटाएंदो अक्टूबर को जन्मे,
जवाब देंहटाएंदो भारत भाग्य विधाता।
लालबहादुर-गांधी जी से,
था जन-गण का नाता।।
इनके चरणों में श्रद्धा से,
मेरा मस्तक झुक जाता।।
भग्गू बेटा बहुत समझदार है ...पूरे पाकेट का हक है उसे ...!
जवाब देंहटाएंराष्ट्रपिता को प्रणाम।
जवाब देंहटाएंबात तो सही है! जब मुँह धोने पर एक बिस्कुट देंगी तो फिर नहाने पर बहुत ही फायदा है! मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहाहाहा
मज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहाहाहा
बहुत बढ़िया ..:):)
जवाब देंहटाएंvery good.
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