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शनिवार, 2 अक्टूबर 2010

एक विस्‍कुट

आज गांधी जयंती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को शत-शत नमन!

एक विस्‍कुट

खदेरन फुलमतिया - Copy (2) फुलमतिया जी ने अपने बेटे भगावन से कहा, “भग्‍गू बेटे! फटाफट मुंह धो लो, … तो मैं तुम्‍हें एक विस्‍कुट दूँगी।”

भगावन ने कहा, “मम्‍मी! पूरा पैकेट ही दे दीजिए!…. मैं नहाने जाता हूँ।”

19 टिप्‍पणियां:

  1. सही है मुँह हाथ धोने पर एक तो नहाने पर पूरा क्यों नही?

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  2. हा,,हा,,हा, हा,
    बच्चे को बच्चा समझा है क्या :)

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  3. दो अक्टूबर को जन्मे,
    दो भारत भाग्य विधाता।
    लालबहादुर-गांधी जी से,
    था जन-गण का नाता।।
    इनके चरणों में श्रद्धा से,
    मेरा मस्तक झुक जाता।।

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  4. भग्गू बेटा बहुत समझदार है ...पूरे पाकेट का हक है उसे ...!

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  5. बात तो सही है! जब मुँह धोने पर एक बिस्कुट देंगी तो फिर नहाने पर बहुत ही फायदा है! मज़ेदार!

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