संपत्ति और बैंक बैलेंस |
शादी ठीक होने के बाद की बात है। फुलमतिया जी से उसके पिता दहारन सिंह ने कहा, “बेटी, मुझे यह तो मालूम होना चाहिए कि जिससे तूने शादी करने का फ़ैसला लिया है, क्या कहा था, खदेरन, हां खदेरन, उसकी संपत्ति कितनी है, क्या व्यवसाय है और कितना बैंक बैलेंस है?” फुलमतिया जी बोलीं, “पापा! आपके और खदेरन के विचार कितने मिलते-जुलते हैं। वे भी पूछ रहे थे कि अंदाजन तुम्हारे पिता की कितनी संपत्ति और बैंक बैलेंस हो सकता है।” |
nice
जवाब देंहटाएंमज़ेदार!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा....
हा हा!! पिता जी का मालूम चल जाये तो काम बने... :)
जवाब देंहटाएंहा हा !! लगता है अब शेर को सवा शेर मिल गया
जवाब देंहटाएंशादी का hidden agenda. :))
जवाब देंहटाएंई त ओही बात हो गया कि दूनो तरफ है आग बराबर लगी हुई!!हा हा ह!!!
जवाब देंहटाएंहा हा हा!!!
जवाब देंहटाएंतेरी गठरी में लागा चोर ...मुसाफिर जाग जरा ..:):)
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंअब तो खूब जमेगी दोनों की।
जवाब देंहटाएंbure phase :)
जवाब देंहटाएंये हुई ना ससुर दामाद की जोड़ी ha ha ha
जवाब देंहटाएंHa..ha..ha...ha......
जवाब देंहटाएंsahi baat hai ji.......
हा हा हा ...बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंkya arithmatic hai....:P
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं सेर को सवा सेर :)
जवाब देंहटाएंwah..pitajee ko apne jaisa he damad milne ja raha hai .....heheheheh
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
जवाब देंहटाएं:) :) khoob majedar
जवाब देंहटाएंहा हा हा ....
जवाब देंहटाएंसेर को सवा सेर...
ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंmazedaar !