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बुधवार, 6 अक्टूबर 2010

संपत्ति और बैंक बैलेंस

संपत्ति और बैंक बैलेंस

शादी ठीक होने के बाद की बात है।

फुलमतिया जी से उसके पिता दहारन सिंह ने कहा, “बेटी, मुझे यह तो मालूम होना चाहिए कि जिससे तूने शादी करने का फ़ैसला लिया है, क्या कहा था, खदेरन, हां खदेरन, उसकी संपत्ति कितनी है, क्या व्यवसाय है और कितना बैंक बैलेंस है?”

फुलमतिया जी बोलीं, “पापा! आपके और खदेरन के विचार कितने मिलते-जुलते हैं। वे भी पूछ रहे थे कि अंदाजन तुम्हारे पिता की कितनी संपत्ति और बैंक बैलेंस हो सकता है।”

21 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा!! पिता जी का मालूम चल जाये तो काम बने... :)

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  2. हा हा !! लगता है अब शेर को सवा शेर मिल गया

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  3. ई त ओही बात हो गया कि दूनो तरफ है आग बराबर लगी हुई!!हा हा ह!!!

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  4. तेरी गठरी में लागा चोर ...मुसाफिर जाग जरा ..:):)

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  5. ये हुई ना ससुर दामाद की जोड़ी ha ha ha

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