हमरे गांव में भी तीन गो बुरबक है। उ का है कि जब से एगो फ़िलिम का हिट हुआ गांव के पराइमरी ईसकूल के गुरुजी अपना नाम वीर सिंह से भायरस कर लिहिन हैं और उनका चेला रामचन्नर से नाम बदल कर रैन्चो रख लिहिस आ दूसरा त रजुआ था ही। त एक दिन किलास में भायरस गुरुजी पूछे, “एक ओवर में कितनी गेंद फेंकी जाती है, बोलो?” त टप्प से रैंचोआ बोला, " छः!!” भायरस गुरूजी अपरसन्न हुए और बोले, “गलत ! एक ओवर में एक ही गेंद छः बार फेंकी जाती है!!” राजुआ मुंह खोले सब सुन रहा था। इसके पहिले कि रैंचोआ कुछ बोले टप से बोला, “बेटा काबिल बनो.... रटने से कुछ नहीं होगा !” |
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
जवाब देंहटाएंकऊन गलत कहिस - गेंद तो एक ही होता है वही छ: बार फेका जाता है.
जवाब देंहटाएंरटने से फायदा क्या
जवाब देंहटाएंतीनो बहरे तो नहीं थे .. एक बहरे मित्र ने दूसरे बहरे मित्र से पूझा , 'क्या तुम बाजार जा रहे हो ?'
जवाब देंहटाएं'नहीं मैं तो बाजार जा रहा हूं'
'ओह मैंनें सोंचा कि तुम बाजार जा रहे हो'
सच्ची रटने से कुछ नहीं होता ...!
जवाब देंहटाएंha ha ha...सहिये तो बोला वाइरस .....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर इस बार.. सुनहरी यादें ....
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबढिया । हम भी नही रटते। आभार।
जवाब देंहटाएंचक्षु-ओपनर सत्य :-)
जवाब देंहटाएंगेंद तो एक ही फेंकते हैं :):):):)
जवाब देंहटाएंBahot lajawaab ...
जवाब देंहटाएंआपमें ज़बरदस्त sense of humour है.आपके ब्लॉग पे प्रस्तुत हास्य से इस बात की पुष्टि होती है. wonderful.
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
कृपया मेरा ब्लॉग: kunwarkusumesh.blogspot.com देखें.
हाँ - एको गेंद था...........
जवाब देंहटाएंबुरबक भूजे नहीं.........
ई भायरसवा सब जगह एके जईसा होता है हो ...हा हा हा बढिया बोला ....कुछ ब्लॉग्स को आपकी प्रस्तुतिकरण से सीखना चाहिए .......बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंकल से बाहर था इसलिए इस पोस्ट को नही देख सका!
जवाब देंहटाएं--
इस सार्थक हास्य के लि्ए साधुवाद!
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नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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जय माता जी की!
बहुत अच्छे।
जवाब देंहटाएंहा हा हा
जवाब देंहटाएंये तो मैंने भी नहीं सोचा था
तर्क को कुतर्क से मिलाएँ तो कुर्केट बनता है भायरस के गाँव में :))
जवाब देंहटाएंये गेंद आखिर फेंक क्यों दी जाती है. चीजों को संभाल कर रखना चाहिए. फेंका-फांकी क्यों. जवाब के लिए लाल बुझक्कड़ जी से मशविरा किया जा रहा है.
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