किताबे ग़म में ख़ुशी का ठिकाना ढ़ूंढ़ो, अगर जीना है तो हंसी का बहाना ढ़ूंढ़ो।
दम मारो दमसांसें होंगी कमबोलोगे सुबह शामहाय राम! हाए राम!!
साँसों में धुँआ मैने तो खोद दियाखुद के मौत का कुँआ
Always use Add/Remove programs!!!
जो पी लिया उसी को मुकद्दर समझ लियाऔर डाक्टरों के बिल को भुलाता चला गया
bahut sahi khabar ko deta ye chitr... Bhushan ji ki baat par hansi aa rahi hai..
समीरलाल जी की टिप्पणी के अनुसार uninstall का भी विकल्प रखा जाये।
सिगरेट जलइ के कैंसर हो गया सिगरेट में बड़ी आग है।
हर फिक्र को धुएं में उडाता चला गया
धुंआ-धुआं है ज़िन्दगी
jalti jindagi.......
कुछ पाना और बहुत कुछ खोना ..:)
यही तो खासियत है :)
बहुत अच्छा सन्देश सिगरेट पिने वालो के लिए ...
meri nayi kavita pade ....
wah kya andaz hai sandesh ka...........
jo virus uninstall na ho use install hi mat kijiye!
अन्धा कुंआं,मौत का कुंआ
Brilliant!Anti smoking Lobby वालों को इस का टी वी पर प्रचार करना चाहिए।और फ़िर पीने वालों के खिलाफ़ ऐसा ही कुछ सोचा जाए।बस ब्लॉग का नशा को रहने दीजिए!
पहले मजा फिर सजा ।
बहुत खूब. अच्छा प्रयास है.
leave smoking,avoid cancer
कृपया नोट करें सीरियसली कि यह सर्वश्रेष्ठ कैम्पेन का पुरस्कार जीतने वाला चित्र आप ने लगाया है.. वर्ष 2002 या 2003 में. शीर्षक पर चुप्पी चलेगी!!
आप ने भी और दूसरो ने भी अकी अच्छे शीर्षक दिया है | पोस्ट अच्छा लगा |
पहले जिंदगी में आमंत्रण, फ़िर उसका आप पर नियंत्रण और बाद में ..... मौत का निमंत्रण... सार्थक संदेश. आभारसादर,डोरोथी.
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं! राजभाषा हिंदी पर मुग़ल काल में सत्ता का संघर्ष मनोज पर फ़ुरसत में...भ्रष्टाचार पर बतिया ही लूँ !
रस्सी जल गयी...लो बल भी गया ...:):):)
दम मारो दम
जवाब देंहटाएंसांसें होंगी कम
बोलोगे सुबह शाम
हाय राम! हाए राम!!
साँसों में धुँआ
जवाब देंहटाएंमैने तो खोद दिया
खुद के मौत का कुँआ
Always use Add/Remove programs!!!
जवाब देंहटाएंजो पी लिया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जवाब देंहटाएंऔर डाक्टरों के बिल को भुलाता चला गया
bahut sahi khabar ko deta ye chitr...
जवाब देंहटाएंBhushan ji ki baat par hansi aa rahi hai..
समीरलाल जी की टिप्पणी के अनुसार uninstall का भी विकल्प रखा जाये।
जवाब देंहटाएंसिगरेट जलइ के कैंसर हो गया
जवाब देंहटाएंसिगरेट में बड़ी आग है।
हर फिक्र को धुएं में उडाता चला गया
जवाब देंहटाएंधुंआ-धुआं है ज़िन्दगी
जवाब देंहटाएंjalti jindagi.......
जवाब देंहटाएंकुछ पाना और बहुत कुछ खोना ..:)
जवाब देंहटाएंयही तो खासियत है :)
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा सन्देश सिगरेट पिने वालो के लिए ...
जवाब देंहटाएंmeri nayi kavita pade ....
जवाब देंहटाएंwah kya andaz hai sandesh ka...........
जवाब देंहटाएंjo virus uninstall na ho use install hi mat kijiye!
जवाब देंहटाएंअन्धा कुंआं,
जवाब देंहटाएंमौत का कुंआ
Brilliant!
जवाब देंहटाएंAnti smoking Lobby वालों को इस का टी वी पर प्रचार करना चाहिए।
और फ़िर पीने वालों के खिलाफ़ ऐसा ही कुछ सोचा जाए।
बस ब्लॉग का नशा को रहने दीजिए!
पहले मजा फिर सजा ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब. अच्छा प्रयास है.
जवाब देंहटाएंleave smoking,avoid cancer
जवाब देंहटाएंकृपया नोट करें सीरियसली कि यह सर्वश्रेष्ठ कैम्पेन का पुरस्कार जीतने वाला चित्र आप ने लगाया है.. वर्ष 2002 या 2003 में. शीर्षक पर चुप्पी चलेगी!!
जवाब देंहटाएंआप ने भी और दूसरो ने भी अकी अच्छे शीर्षक दिया है | पोस्ट अच्छा लगा |
जवाब देंहटाएंपहले जिंदगी में आमंत्रण, फ़िर उसका आप पर नियंत्रण और बाद में ..... मौत का निमंत्रण... सार्थक संदेश. आभार
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिंदी पर मुग़ल काल में सत्ता का संघर्ष
मनोज पर फ़ुरसत में...भ्रष्टाचार पर बतिया ही लूँ !
रस्सी जल गयी...लो बल भी गया ...
जवाब देंहटाएं:):):)