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बुधवार, 10 नवंबर 2010

सीढी

इस दीपावली के अवसर पर खदेरन फुलमतिया जी के घर में साफ-सफाई का कार्यक्रम चल रहा था।

दोनों बाप-बेटा (खदेरन-भगावन) ड्राइंग रूम में लगे थे और फुलमतिया जी रसोई घर में।

तभी फुलमतिया जी को भगावन की घबराई हुई आवाज़ सुनाई दी। “मम्मी, मुझसे सीढी गिर गई है। ज़ल्दी आओ!”

अपने काम में व्यस्त फुलमतिया जी ने कहा, “मुझसे क्यों कह रहे हो, जाकर पापा से कहो, वो सीढी उठा देंगे”।

भगावन कहा, “पापा तो खुद ही पंखे के साथ लटके हैं!”

18 टिप्‍पणियां:

  1. मम्मी-पापा के प्रति उत्तरदायित्व निभाना जानता है खदेरन.

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  2. हास्य फुहार मे पात्र चयन सटीक है: खदेरन, भगावन, फुलमतिया।

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  3. हा हा हा !!
    हा हा हा !!
    हा हा हा !!
    हा हा हा !!

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  4. आगे भगावन ने कहा की मम्मी जल्दी कीजिये इसके पहले की पंखा गिर कर टूट जाये | :-))

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  5. इसमें तो किसी की साजिश लगती है. आस पड़ोस के किसी देशका हाथ लगता है. हा हा!!!!

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  6. यह भी खूब रही.
    सादर,
    डोरोथी.

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