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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

बेलन महिमा -3

बेलन महिमा -3

………………………………..बेलन महिमा - 2 के बाद

हाज़िरजवाबी में तो

भार्या हैं लाजवाब,

रखती कुछ भी नहीं बकाया,

तुरत ही चुका देती हैं सारा हिसाब


शिकायत के लहजे में कंत ने उस दिन कहा था

क्या इतना भी हमें समझ नहीं आता

कि हमारा कोई भी रिश्तेदार

तुम्हें फूटी नज़र नहीं भाता।


तो झट से बोलीं थीं कांता

करो मुझ पर पूरा-पूरा विश्‍वास

अपनी सास से ज़्यादा

मुझे अच्छी लगती है तुम्हारी सास।

......अभी..... ज़ारी है ....

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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा

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10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा हास्य फुहार ... क्रिसमस पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई।

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  2. Bahut Badia ....SHABDO ka sundar prayog ....Aur Saath me Christmas ki Shubhkamnay & Badhai.

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  3. पिछले तीन दिनों से एक शब्द का अनेक रूप देखने को मिला । चमत्कार....बधाई और क्रिसमस की शुभकामनाएं ।

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  4. ठहाका लगा नहीं रहा हूँ बल्कि खुद ही ठहाके लग रहे हैं आपकी रचना पढकर
    बहुत सुन्दर

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  5. bahut khoob
    apnee sas se zeyada tumharee sas achchee lagtee hai. hahahahhahahahahhaah

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