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बुधवार, 30 दिसंबर 2009

बेलन महिमा -8

बेलन महिमा -8

.......................................बेलन महिमा – 7 के बाद

साजन के इस व्यवहार ने सजनी के मन को छुआ
इस तरह घर का मामला शांत हुआ

देर भी काफी हो चुकी थी
दिन के दो बजा था
और घर में खाना भी नहीं बना था।
इसलिए होटल में खाने का ख्याल आया
प्राणधन का यह प्रस्ताव परिणीता को बहुत भाया

होटल में खाने उपरांत मलकिनी अपना मुंह खोलीं
और सौंफ चबाते हुए बड़े प्यार से बोलीं,
“अगर रोज़ इसी तरह खाना बाहर खिलाया जाए
तो घर में बेलन रखने की नौबत ही क्यों आए?
घर में बेलन रखने की नौबत ही क्यों आए?
घर में बेलन रखने की नौबत ही क्यों आए?”
------समाप्त------
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अगर पसंद आया तो ठहाका लगाइगा
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12 टिप्‍पणियां:

  1. Bahut majedar kadia rahi.Aisi hi kisi mahima ka intezar rahega.Shubhkamnay..

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  2. इस घटनाक्रम से हमें परिचित करा कर बहुत ही अच्छा काम किया है। हा-हा-हा-हा-हा-....

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  3. hahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahahhahahhahahhhahahahah........

    bus ab or nahi hasa jaata...

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  4. hahahahhahahahahahahhaha have meal in hotel every day. kkkkkkkkkkkkkkkkkk

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  5. बढिया .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नया वर्ष मंगलमय हो !!

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