हंसने से कोशिकाओं और शरीर के विभिन्न अंगों को काफ़ी ऑक्सीजन मिलती है। इससे मस्तिष्क के दोनों भागों की सक्रियता, निर्णय लेने की क्षमता और स्मरणशक्ति भी बढती है। |
दिमाग का इस्तेमाल!खदेरन के सिर से बहते ख़ून को देख कर फाटक बाबू ने पूछा, “ये कैसे हुआ?”
खदेरन ने बताया, “मैं हाथों से ईंट तोड़ रहा था, तो फुलमतिया जी ने कहा अजी कभी तो दिमाग का भी इस्तेमाल कर लिया करो ….!” |
nice
जवाब देंहटाएंखूब दिमाग का इस्तेमाल किया
जवाब देंहटाएंमजेदार
ha ha ha...
जवाब देंहटाएंmain bhi aaj yahi kahungi..!
कभी कभी हम भी कर लेते हैं दिमाग का इस्तेमाल ....हा हा हा !!
जवाब देंहटाएंखदेरन जी, आप भी ना!
जवाब देंहटाएंहा हा! खदेरन का भगवान भला करे.
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा!अरे अरे……खदेरन जी अब मालूम पड़ा दिमाग कहां होता है। हम तो अभी भी दिमाग (घुटने) के दर्द से परेशान रहते हैं।
जवाब देंहटाएंवाह खदेरन, द जीनियस !!
जवाब देंहटाएंch.... na vishwaset naareenaam !
जवाब देंहटाएंha... ha... ha.... ha... !!! waise jo cheej ho hee nahee uska istemaal kaise kar sakte hain !!!!
ha ha ha....mast istmaal kiya dimag ka :D
जवाब देंहटाएंबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
जवाब देंहटाएं..........मजेदार
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