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शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

घर को पकड़े रह

हंसना ज़रूरी है,  क्यूंकि …..

25 % ऑक्सीजन का उपयोग मस्तिष्क करता है, शेष शरीर के दूसरे हिस्सों के काम आती है।

हंसे-हंसायें

मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन पहुंचाएं।

घर को पकड़े रह

देर रात गये खदेरन शराब के नशे में धुत्त घर पहुँचा। अब ऐसी धृष्टता तो वह फुलमतिया जी के रहते हुए  कर नहीं सकता था। फुलमतिया जी मायके गयी हुई थीं। सो उसे मौक़ा मिल गया और उसने दोस्तों के साथ पर्टी जमा ली।

घर पहुँचने पर बड़ी देर तक वह दरवाज़े को चाबी से खोलने का प्रयत्न कर रहा था, पर उसे सफलता हासिल नहीं हो रही थी।

दरवान खड़ा यह सब देख रहा था। वह पास आया और बोला, “लाइए साहब! दीजिए मुझे चाबी, मैं खोल देता हूँ।”

खदेरन को ज़िद पड़ी थी, बोला, “नहीं, नहीं, चाबी तो मैं ही पकड़ूँगा, पर तू एक काम कर, ज़रा घर को पकड़े रह, ताकि दरवाज़ा हिले नहीं।”

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