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सोमवार, 19 जुलाई 2010

उपहार

उपहार

फुलमतिया जी का जन्मदिन था।
सुबह काम पर जाते वक़्त खदेरन ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी और पुछा, “फुलमतिया जी आज आपके जन्म दिन पर कौन सा उपहार आपको चाहिए? बताइए।”
पूलमतिया जी पहले सकुचाई, फिर शर्माई। जो चीज़ वाह चाहती थी (कार) उसे सीधे-सीधे बताने में उसे हिचकिचाहट हो रही थी तो उन्होंने संकेत में  कहा, “मुझे वह चीज़ चाहिए जिस पर मैं सवार होऊँ तो वह तीन सेकेण्ड में 0 से 80 पर पर पहुँच जाए।”
खदेरन, “ठीक है।” बोलकर काम पर चला गया।
शाम को जब वह लौटा तो उसके हाथ में एक उपहार था। उसने फुलमतियी जी को थमाया।
फुलमतिया जी ने जब उसे खोला तो उसमें से वजन लेने वाली मशीन निकली।

15 टिप्‍पणियां:

  1. भैंस ही बड़ी होती है,
    और खदेरन को ये मालूम नहीं
    कि सब जगह अकल नहीं लगानी चाहिए।
    :)

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  2. हिंदी ब्लॉग लेखकों के लिए खुशखबरी -


    "हमारीवाणी.कॉम" का घूँघट उठ चूका है और इसके साथ ही अस्थाई feed cluster संकलक को बंद कर दिया गया है. हमारीवाणी.कॉम पर कुछ तकनीकी कार्य अभी भी चल रहे हैं, इसलिए अभी इसके पूरे फीचर्स उपलब्ध नहीं है, आशा है यह भी जल्द पूरे कर लिए जाएँगे.

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  3. मस्त। अच्छा हुआ फुलमतिया जी ने ये नहीं कहा कि वो लाइएगा जिससे मेरे पैर जमीन पर नहीं पड़े।

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