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बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

दौलत की वजह से!

दौलत की वजह से!

आपको कुछ दिन पहले बताया था कि खदेरन के शादी ठीक हो रही थी तो क्या हुआ और फिर कैसे उसकी नज़र फुलमतिया जी की दौलत पर टिकी थी। (लिंक)

यह बात फाटक बाबू को मालूम हुई। वे तो बस गुस्से से बिफ़र ही पड़े। पहुंचे खदेरन की खोज खबर लेने। पूछा, “सुना है तुम फुलमतिया जी की दौलत, संपत्ति और बैंक बैलेंस के लिए उनसे शादी कर रहे हो?”

खदेरन ने कहा, “हां, ठीक ही सुना है।”

फाटक बाबू का गुसा और बढा, बोले, “खदेरन! यह तो बड़ी ग़लत बात है!”

खदेरन फुलमतिया - Copy - Copy खदेरन ने स्पष्ट किया, “अच्छा फाटाक बाबू आप ही बताइए कि क्या यह ग़लत बात नहीं होगी किए अपनी दौलत की वजह से फुलमतिया जी कुंआरी रह जाएगी।”vdwmu_th.jpg

21 टिप्‍पणियां:

  1. निष्कर्ष: दौलत और दुल्हनिया अलग नहीं हैं. Great :))

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  2. खदेरन की भलाई पूजनीय है!
    हा-हा-हा.....

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  3. फाटक बाबू बेमतलब का गुस्सा नहीं करते। खदेरन तो समाज सेवा कर रहा है!
    हाहाहाहा

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  4. दौलत की वजह से क्या-क्या नहीं होता है, यह भी एक पक्ष है। समाज में पुरुषों की मनसिकता को खुलासा करता है यह हास्य!

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  5. चलिए, आजा का हंसी का quota पूरा हो गया।
    अब कल फ़िर आएंगे।
    धन्यवाद
    जी विश्वनाथ

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  6. हा हा हा बेचारा खदेरन ..आखिर उसे कोई ठीक से समझ क्यों नहीं पाता .....फ़ूलमती की मदद की ही जानी चाहिए ..वैसे भी इसमें खदेरन कर क्या सकता है जब bye default setting में उसे फ़ुलमतिया के साथ दौलत मिल रही है

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  7. भई वाह....इसे कहते हैं नहले पे दहला....
    हा! हा!
    मज़ा आ गया !!

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